Leh से Kargil पहुंच सकेंगे कार से, स्विट्जरलैंड को मात देने की तैयारी-जानें प्लान
लेह से कारगिल (Leh to Kargil Highway) जाने वाली सड़क को टूरिस्ट हाईवे (Tourist Highway) का रूप दिया जाएगा. केंद्र सरकार के संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय ने यह प्लान तैयार किया है.
लेह से कारगिल का सफर सुगम और सुहाना होगा. (Reuters)
लेह से कारगिल का सफर सुगम और सुहाना होगा. (Reuters)
लेह से कारगिल (Leh to Kargil Highway) जाने वाली सड़क को टूरिस्ट हाईवे (Tourist Highway) का रूप दिया जाएगा. केंद्र सरकार के संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय ने यह प्लान तैयार किया है. लेह-कारगिल के बीच करीब 230 किमी हाईवे पर नियमित अंतराल पर पर्यटकों के लिए तमाम सुविधाओं का विकास होगा. इससे लेह से कारगिल का सफर सुगम और सुहाना होगा.
दुनिया में पर्यटन के क्षेत्र में कारगिल को पहचान दिलाने के लिए अब यहां पर्यटकों के लिए कई तरह की सहूलियतों के लिए एक्शन प्लान तैयार हो रहा है. मंत्रालय को उम्मीद है कि कारगिल की रोड और एयर कनेक्टिविटी बेहतर होने पर घूमने के लिए स्विटजरलैंड आदि दूसरे देशों में जाने वाले भारतीय कारगिल, द्रास आदि इलाकों में घूमना पसंद करेंगे.
Public amenities on Leh-Laddakh to Kargil road
केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार प्रहलाद सिंह पटेल ने बताया, लेह-लद्दाख (Leh-Laddakh) से कारगिल (Kargil) जाने वाले रास्ते पर अभी जनसुविधाएं (Public amenities) नहीं हैं. हम चाहते हैं कि हाईवे पर हर 20 से 25 किलोमीटर पर ऑक्सीजन पॉर्लर खोले जाएं. जहां ऑक्सीजन की व्यवस्था के साथ Medical Help भी हो. कूड़े का भी प्रबंधन हों. ये इंफ्रास्ट्रक्चर सरकार बनाएगी, लेकिन चलाएंगे इसे स्थानीय गांव के लोग.
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Website पर आएगा प्लान
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के मुताबिक, लेह-लद्दाख और कारगिल में स्थित सैंकड़ों धरोहरों के बारे में अभी लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है. ऐसे में सभी धरोहरों की कल्चरल मैपिंग की भी पहल की जा रही है. लेह से कारगिल जाने वाले रास्ते पर कौन-कौन सी धरोहरें हैं, इसके बारे में मंत्रालय की वेबसाइट से जानकारी मिलेगी. लेह-कारगिल की सड़क को पर्यटन हाईवे बनाने से पर्यटकों को आसानी होगी. वह वेबसाइट पर जनसुविधाएं ढूंढ सकेंगे. Toilet की भी ऑनलाइन जानकारी मिलेगी.
Kargil War Zone
दरअसल, अगस्त 2019 में लद्दाख के केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद मोदी सरकार का फोकस यहां के विकास पर है. स्थानीय लोग केंद्र सरकार से कारगिल में टूरिजम प्रमोशन की मांग कर चुके हैं. लद्दाख के सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल का कहना है कि लोग आज भी कारगिल को 1999 की लड़ाई की रोशनी में देखते हैं, जबकि कारगिल वॉर जोन नहीं बल्कि पीस जोन बन चुका है. यहां पर पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. रूरल टूरिज्म से लेह-लद्दाख और कारगिल में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.
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05:04 PM IST